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55 00:04:06,996 --> 00:04:10,083 इसमें सल्फेट गजल डांस और उसे 56 00:04:10,124 --> 00:04:14,003 सुंदरियाल ने बनाया था, लेकिन जिस्मफरोशी के नजदीक नहीं जाती थी। 57 00:04:14,128 --> 00:04:17,674 वो सिर्फ सिर्फ उन रात महफिल में क्या चाहती 58 00:04:17,715 --> 00:04:20,677 जब बाशा के दरबार में जाकर रक्स किया करती थी। 59 00:04:20,760 --> 00:04:24,472 कुमार से मिलता था वो औरतें जो के बहुत बड़े बड़े फनकार थे, 60 00:04:24,472 --> 00:04:28,643 जिनके बाजार से जिनकी शामें सजती थी और बड़े बड़े नवाब 61 00:04:28,726 --> 00:04:32,146 अपने बच्चों को भेजा करते थे कि उनसे जाके समय सीखे। 62 00:04:32,146 --> 00:04:36,276 उसे अदब आदाब सीखे क्योंकि मकसूद निवास के खवातीन के कितने 63 00:04:36,359 --> 00:04:42,365 विश्वास और चूड़ीदार पाजामे और उनको रक्स की खुसूसी तरबियत दी जाती थी। 64 00:04:42,365 --> 00:04:44,617 ये ये जो वक्त जो पुराना हम कह रहे 65 00:04:44,617 --> 00:04:48,913 जिस रथ को हम कह रहे हैं वह रूहानियत थी वह कदम एहतराम था। 66 00:04:48,913 --> 00:04:51,666 एक तरबियत थी एक मैसेज था। 67 00:04:51,666 --> 00:04:55,503 एक बहुत बड़ा फन था जो नहीं है पढ़ी लिखी नहीं थी। 68 00:04:55,503 --> 00:04:58,756 मगर इतने अदब आदाब और इतना एहमियत कि उनमें 69 00:04:58,756 --> 00:05:03,970 उन्होंने बहुत बहुत बहुत बड़े रईसों को इन्सान बना दिया। 70 00:05:04,053 --> 00:05:08,141 प्रकाशन के साथ साथ मौसी का गुणगान, ग़ज़ल, 71 00:05:08,141 --> 00:05:12,979 गायक और कई गायक उस्ताद भी आ रहे। 72 00:05:13,062 --> 00:05:14,856 वो एपिसोड भी 73 00:05:14,856 --> 00:05:17,734 ऐसी टेलीफिल्म की मौजूदगी प्रमोट हुई 74 00:05:17,734 --> 00:05:22,030 और वह स्कूल था और एकैडमी की वो डांसर नहीं थी। 75 00:05:22,030 --> 00:05:26,117 वो अकैडमी थी वो कैडीज अब इस दुनिया में न पैदा हैं 76 00:05:26,117 --> 00:05:30,538 और हम सिर्फ उनके लिए एक अफसाने की शकल में एक आदमी इजहार कर रही 77 00:05:30,580 --> 00:05:36,085 तवायफें अक्सर अक्का सानू के नाम से शाही महल में मुजरा किया करती थी। 78 00:05:36,085 --> 00:05:40,965 मुजरा एक खास शख्स का नाम था इस रथ में मुख्तलिफ सजदे थे। 79 00:05:40,965 --> 00:05:45,636 ठुमरी गाने वाली राम निखार और बासी दीपक और बहुत सी चीजें 80 00:05:45,636 --> 00:05:51,267 इसके साथ साथ चलती रही, लेकिन उसे आम सोसाइटी में कौन सुलझाएगी में 81 00:05:51,351 --> 00:05:55,688 यह प्रश्न पैदा हो गया कि ये सिर्फ किसी ही तबके का था। 82 00:05:55,772 --> 00:05:59,067 हल भी यही हुआ कि यहां पर आकर लोग 83 00:05:59,150 --> 00:06:02,695 प्रकृति से गाते थे कि ये कैसा रिश्ता नाचे। 84 00:06:02,737 --> 00:06:06,324 हर मर्तबा कैसी है लेकिन ससुर की गायकी सुनाती है, 85 00:06:06,324 --> 00:06:10,578 लेकिन उनको अपनाने में काफी तो अमल करते 86 00:06:10,661 --> 00:06:13,748 और कसाई इस अंजाम से बेखौफ हुआ कि 87 00:06:13,831 --> 00:06:17,085 हम किसी शरीफ की फेरी के सफर नहीं बन सकती। 88 00:06:17,085 --> 00:06:20,004 हमारा काम यहां पर प्रकट करना है। 89 00:06:20,004 --> 00:06:25,385 राजा महाराजा योजना उनके हां, उनका उठना बैठना क्या उनकी शान थी और क्या एहतराम था? 90 00:06:25,385 --> 00:06:28,846 आज बहुत नजरों से गिरी हुई वो मगर वो गिरी नहीं थी। 91 00:06:28,846 --> 00:06:33,726 उस जमाने की बेहतरीन किस्म की मांएं बेहतरीन उस्ताद बेहतरीन औरतें 92 00:06:33,726 --> 00:06:38,439 बेहतरीन फनकार है और बेहतरीन तहजीब और तवज्जों का एक इदारा था। 93 00:06:38,439 --> 00:06:40,525 वो जो बर्बाद हो गया खत्म हो गया। 94 00:06:40,525 --> 00:06:42,193 अगरचे यहां पर सवाल थी। 95 00:06:42,193 --> 00:06:44,112 कुरान की तालीम भी हासिल करती थी। 96 00:06:44,112 --> 00:06:49,367 लेकिन क्या किया जाए कि मर्द में औरत को इज्जत नहीं है। 97 00:06:49,367 --> 00:06:55,331 उसका बुरा इम्पैक्ट यह पड़ा कि किस बालक ने कलाम को था बन गया तबाह से लिया। 98 00:06:55,331 --> 00:06:59,919 इन्होंने तवायफ और कोई भारतीय तवायफ कोई ना कोई गंदा नहीं है। 99 00:06:59,919 --> 00:07:03,423 मगर लोगों ने उसको बड़ा कर हर जमाने में 100 00:07:03,423 --> 00:07:06,592 औरत को जब वो सितम का ही निशाना बनी। 101 00:07:06,634 --> 00:07:10,721 उन्होंने औरत को एक हाइजीनिस्ट के तौर पर इस्तेमाल किया। 102 00:07:10,721 --> 00:07:12,723 हाय सुकून महसूस किया। 103 00:07:12,723 --> 00:07:15,852 दो बजने दो गाने सुने रकम दी चले गए। 104 00:07:15,852 --> 00:07:20,940 लिहाजा इन बाला हाल में बहुत सी कहानियां भी जन्म लेती रही। 105 00:07:21,023 --> 00:07:24,360 पर जुल्म बाकायदा एक जाहिर के जरिए 106 00:07:24,444 --> 00:07:26,779 उन लोगों में ये जिस्मफरोशी या होगा ना 107 00:07:26,779 --> 00:07:31,576 इस तरह की कोई किसी सफाई भी ये ऐसा ही है। 108 00:07:31,576 --> 00:07:35,079 ये मेरा कि वो अपने आप को सुपर लेकिन कहते थे 109 00:07:35,163 --> 00:07:38,207 ये अपने आप हुई और अभी तक वो सिलसिले चलेंगे। 110 00:07:38,207 --> 00:07:40,793 नफरतों के बीच 111 00:07:40,793 --> 00:07:42,962 इंसानियत के बीज नहीं थे। 112 00:07:42,962 --> 00:07:46,466 ये वाकई सब मुगल दौर खत्म हुआ 113 00:07:46,466 --> 00:07:50,595 तो मुबारक दौर के बाद ये हुआ कि वो डांस भी होते चले। 114 00:07:50,678 --> 00:07:54,765 उनमें कुछ लोग भीगी पलकों के मारे काम में जुट गए 115 00:07:54,849 --> 00:07:57,643 तो ये दोस्ती है पानी का मूवमेंट नंबर 116 00:07:57,643 --> 00:08:00,313 अपर और जागीर के जमाना था। 117 00:08:00,313 --> 00:08:06,861 फिर वो हट गया और अपना रोजगार चलाने के लिए तुमने जिस्मफरोशी शुरू कर दी। 118 00:08:06,861 --> 00:08:10,198 उनकी मौत की जरूरी यात्री की 119 00:08:10,281 --> 00:08:13,534 तवायफ को मुंह तोड़ पुल बनने या 120 00:08:13,618 --> 00:08:16,871 कोई और स्कूल काम की कहकर 121 00:08:16,954 --> 00:08:20,833 उमर भूस्वामी उसे लूट पुनर्वास की जमीन पर पाषाण बनाया 122 00:08:20,833 --> 00:08:25,463 तो यहां अंजुमन शहर में एक पूरा शहर बसा हुआ था 123 00:08:25,546 --> 00:08:30,885 और इतनी बड़ी बड़ी सील के लोग उनके जूतों में हीरे लगे हुए होते थे। 124 00:08:30,968 --> 00:08:33,930 कोई मामूली आदमी उनके यहां भी दाखिल हो सकता था। 125 00:08:33,930 --> 00:08:38,017 हाल बनी गजाला के दौर में इनको पाबंदी लगा दी गई 126 00:08:38,100 --> 00:08:40,811 तो ये खवातीन मियां से तितर बितर हुई 127 00:08:40,811 --> 00:08:45,107 और मुस्लिम जगहों पर मिलती गई और ये बाला ने घेर लिया। 128 00:08:45,107 --> 00:08:47,818 अपने मकसूद से वो घर घर चले गए। 129 00:08:47,818 --> 00:08:52,031 सूखे से मायूस हुए के वक्त वास्ता लोगों ने नगर अंदाजी शुरू की। 130 00:08:52,156 --> 00:08:55,826 जब नजरअंदाज होने शुरू हुए दिनों उनके मुताबिक होते चलेंगे 131 00:08:55,826 --> 00:08:59,705 पर मुझे नहीं और अपने दुखों में वो सिमटते चले गए। 132 00:08:59,830 --> 00:09:04,252 सिमटते सिमटते, सिमटते, सिमटते आलू का नामोनिशान नहीं है। 133 00:09:04,335 --> 00:09:07,588 मध्य तौर पर मुल्लाओं ने किन्हीं मौलवी 134 00:09:07,588 --> 00:09:11,592 हर भी कंडम नर्सों की कमी खल ना निकाल सके। 135 00:09:11,676 --> 00:09:14,387 इन संवासिनी का कुसूर है। 136 00:09:14,387 --> 00:09:20,142 अच्छे से देखे जाते बड़ा है करते अफसोस होता है टिकरा पाशा। 137 00:09:20,184 --> 00:09:24,647 नदियों में मैं एक खपरैल का तो 138 00:09:24,730 --> 00:09:28,317 देखा जाए तो मेरी 50 साल की जिंदगी जो है। 139 00:09:28,317 --> 00:09:31,654 इस फंड की उसमें फसल की आय में 140 00:09:31,737 --> 00:09:36,075 इसका रिश्ता होता है और ख़बर के लिए बाकायदा तौर उन्होंने मुझे समझाया। 141 00:09:36,075 --> 00:09:41,289 बड़ी कोशिश 50 साल मैंने कर करके अपने अंदर संजोया है। 142 00:09:41,289 --> 00:09:44,584 पांच शेर के घुंघरू बांध के आप नाचे 143 00:09:44,667 --> 00:09:47,837 तो लोगों को पता चले क्या हालत क्या है? 144 00:09:47,837 --> 00:09:50,840 मैंने तो 50 60 फिल्में की 145 00:09:51,007 --> 00:09:54,010 कुछ उसमें एक कैफियत तारी हो जाती है। 146 00:09:54,135 --> 00:09:58,431 जब भी कभी बहुत ज्यादा मैं बहुत पीछे जो 147 00:09:58,514 --> 00:10:01,767 मुझे क्योंकि सबसे फिर बुजुर्गों का भी असर होता। 148 00:10:01,851 --> 00:10:06,397 शुरू से ही माना जाता था तो ये वो पैसे नहीं होते थे। 149 00:10:06,480 --> 00:10:09,942 अगर वो होता था तुझे सिखाने वाला तुम अपनी सारी जरूरी 150 00:10:09,942 --> 00:10:19,785 ऊपर डालनी है। 151 00:10:19,785 --> 00:10:23,664 वो नफरत योजना बताई और मिलाती गई। 152 00:10:23,706 --> 00:10:27,460 मैने मुझे 65 सालों 153 00:10:27,543 --> 00:10:30,338 मैं पैसठ साल भोलेपन डूबी मर गई। 154 00:10:30,338 --> 00:10:36,469 हम तो जमाने ने बहुत याद किया सुना है, अदाएं रख सकती थी। 155 00:10:36,552 --> 00:10:41,182 बात तनाव की चादर में हवाएं गीत गाती थी। 156 00:10:41,265 --> 00:10:45,478 शामों की रोशनी से इतनी मचलते थे। 157 00:10:45,561 --> 00:10:49,815 फूलों की महक से परवाने जानते थे। 158 00:10:49,899 --> 00:10:55,154 कहानी कहते हैं दीवारें एक वो इंसान नहीं है। 159 00:10:55,196 --> 00:11:15,800 मकान तो बहनें हैं बस मकान नहीं है। 22734

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